Sunita gupta

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दैनिक प्रतियोगिता हेतु स्वैच्छिक विषय दीपावली

दीवाली पे दीए जलते हैं 
आंखों में स्वप्न नए ..
झिलमिलाने लगते है !
अनारदाने के रंगों के साथ 
जीवन में नई आशाएँ ...
उमंग और तरंगेआती हैं !

मनोयोग से लगते हुए 
आम्र पत्तों के तोरण ..
घर मे सुख सौभाग्य का 
शुभ स्वागत करते है!
लक्ष्मी जी के पद चिन्ह ...
द्वार से घर के कोने कोने तक 
शुभकामनाएं  प्रेषित होती हैं!

साथ ही प्रकृति भी ..
नए मौसम का स्वागत सत्कार
करती हुई गुलाबी सी ...
ठंडक लिए खुश गवार लगती है,
दीवाली पे जलते हुए दीए 
जीवन के तमस को 
दूर करने का प्रयत्न करती है !

देखो तो एक दीवाली  
एक दीया ..एक तोरण 
आशाओं के पदचिन्ह ..
और ये अद्भुत प्रकृति ..
संघर्ष में भी ..जीत की 
आस्था को बनाए रखती है !!

शुभ दीपावली आप सभी को 💐💐🙏🙏
सुनीता गुप्ता सरिता जी 

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9 Comments

Pratikhya Priyadarshini

27-Oct-2022 10:06 AM

Bahut khoob 🙏🌺

Reply

बहुत ही सुंदर सृजन और अभिव्यक्ति एकदम उत्कृष्ठ

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Khan

25-Oct-2022 07:03 PM

Bahut khoob 💐👍

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